Sunday, February 24, 2019

राजेन्द्र चोल एवं चोल राजवंश के इतिहास। Rajendra Chol and Chol Dynasty

राजेन्द्र चोल प्रथम(I) Rajendra chol (I):

राजेन्द्र चोल (I) चोल राजवंश के बहुत महान, शंघर्षशील एंव शक्तिशाली हिन्दू सम्राट थे, जिन्होंने अपने महान युद्ध कौशल से अपने राज्य की सीमाओं को दक्षिण से पूर्व एवम पश्चिम के सुदूर छेत्र तक पहुचाया। उन्हें गंगई कोंड की उपाधि दी गयी थी। वे दक्षिण भारत के बहुत शक्तिशाली सम्राट बने जिनका कार्यकाल 1012 ई से 1043 ई तक रहा।
राजेन्द्र चोल ने अपने साम्राज्य को पहले दक्षिण छोर से अब के तमिलनाडु से केरल, आंध्रप्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल तक फैलाया। उसके बाद उन्होंने कई राजाओं से युद्ध करते हुए शुदुर पूर्वउत्तर छेत्रो तक पहुचाया।
परंतु इतने महान सम्राट जिन्होंने अपने पराक्रम से हिन्दू साम्राज्य को इतना बड़ा, किया फिर भी हमारे इतिहास के पाठ्यक्रम से दूर है जिनका शायद ही किसी पुस्तक में जिक्र हो।

राजेन्द्र चोल का चोल साम्राज्य Chol Dynasty:

राजेन्द्र चोल का चोला साम्राज्य का फैलाव इतना दूर तक फैला था जिसमे अब के कई देश है, जो है: भारत का दक्षिण छेत्र, श्रीलंका, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मलेशिया, वियतनाम, सिंगापुर, थाईलैंड, कंबोडिया, म्यामार, मालदीव।
यह चोल साम्राज्य सन 848ई से 1279ई तक रहा, जो कि हिन्दू साम्राज्य था। यह साम्राज्य विजयालय चोल से सुरु होकर राजेन्द्र चोल III तक रहा। इनका सासन सुनियोजित रूप से कार्य करता था। सभी मंत्रियों से परामर्श लेकर कार्य किया करते थे।

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Location: India

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